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73th Republic Day 2022: जानिए इतिहास क्यों 26 जनवरी को ही मनाया जाता है गणतंत्र दिवस
देश के इतिहास में 26 जनवरी का दिन स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। 1950 में इसी दिन भारत आधिकारिक तौर पर गणराज्य बना था। तभी से हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर दिल्ली के इंडिया गेट पर परेड आयोजित की जाती है। कई तरह की झांकियां निकलती है और सेना अपनी शक्ति का प्रदर्शन करती है। भारत ने खुद को भले ही औपचारिक तौर पर 26 जनवरी 1950 को आधिकारिक तौर पर गणराज्य घोषित किया, लेकिन इसकी तैयारी काफी पहले से शुरू हो गई थी। 26 जनवरी 1929 को लाहौर में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ। अध्यक्षता कर रहे थे पंडित जवाहर लाल नेहरू। इसमें भारत को पूर्ण गणराज्य बनाने का प्रस्ताव पेश हुआ, जिसे अंग्रेजी हुकूमत ने ठुकरा दिया।
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इसके एक साल बाद यानी 26 जनवरी 1930 को कांग्रेस ने अपनी ओर से भारत को पूर्ण गणराज्य घोषित कर दिया। इस बीच अंग्रेजों से आजादी की जंग चलती रही। फिर इसके करीब 16 साल बाद 9 दिसंबर 1946 को भारतीय संविधान लिखने की शुरुआत हुई। सभापति थे सच्चिदानंद सिन्हा। लेकिन बाद में संविधान सभा का सभापति डॉक्टर राजेद्र प्रसाद को चुना लिया गया। संविधान सभा समिति के विधिवेत्ता बने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर। संविधान बनाने में 2 साल 11 महीने 18 दिन का वक्त लगा।
भारत के गणतंत्र दिवस के अतिथि ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन का भारत दौरा रद्द | Republic Day 2022
26 नवंबर 1949 को समिति ने संविधान सभापति को सौंपा। लेकिन आधिकारिक तौर पर संविधान लागू हुआ इसके दो महीने बाद। यानी 26 जनवरी 1950 को। इस दिन को चुनने की सबसे बड़ी वजह लाहौर कांग्रेस अधिवेशन था, जहां पहली बार पूर्ण गणराज्य का प्रस्ताव पेश किया गया था। 26 जनवरी 1950 को देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया। इसके बाद से हर साल इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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गणतंत्र दिवस समारोह में हर साल किसी न किसी देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या शासक को विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया जाता है। 26 जनवरी 1950 को पहले गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति डॉक्टर सुकर्णो विशेष अतिथि बने थे। आजादी के बाद अब तक सिर्फ तीन बार ऐसा हुआ है कि गणतंत्र समारोह का आयोजन विदेशी मुख्य अतिथि के बिना हुआ है। इस बार भी कोरोना की वजह से कोई विदेशी चीफ गेस्ट नहीं होगा। ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन 26 जनवरी को मुख्य अतिथि बनने वाले थे, लेकिन ब्रिटेन में कोरोना का नया स्ट्रेन फैलने की वजह से उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया।
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